मेरा गाँव पूरा गांव अपना था , आम ,महुआ , पीपल , नीम का छांव अपना था , बस तुम अजनबी थे | पूरे गांव के लोग अपने थे , कुआं , गड़ही ,पोखर , दूर तक फैला ताल अपना था , बस तुम अजनबी थे | पूरे खेत - खलिहान अपने थे , ओल्हापाती , चिक्का गोली ,गिल्ली डण्डा , खेल सामान अपने थे , बस तुम अजनबी थे | अब तुम अपने हो , सब अजनबी हैं | तुम (नौकरी ) अजनबी हो जाओ ||
सरकार तुम्हारी क्या बोलें गंगा की सफाई , क्या बोलें ? रोजी औ कमाई , क्या बोलें ? बबुआ की पढाई , क्या बोलें ? रोगी की दवाई, क्या बोलें ? सरकार तुम्हारी, क्या बोलें ? हर दम महंगाई, क्या बोलें ? खेती औ सिंचाई, क्या बोलें? यूरिया औ डाई क्या बोलें ? सरकार तुम्हारी, क्या बोलें ? बबुनी की पढाई , क्या बोलें ? बेटी की सगाई, क्या बोलें ? चिंता है विदाई, क्या बोलें ? सरकार तुम्हारी, क्या बोलें ? अब बोल तुम्हारी, क्या बोलें ? जनता अंगड़ाई, क्या बोलें ? यूपी अब पूछे , क्या बोलें ? गुजरात कहे है , क्या बोलें ? बिहार चीखता , क्या बोलें ? चहुओर हहाकार , क्या बोलें ? सरकार तुम्हारी, क्या बोलें ? उत्तर से दक्षिण , क्या बोलें ? पूरब से पश्चिम, क्या बोलें ? विष घोल रहे सब , क्या बोलें ? जाति -धर्म पर, क्या बोलें ? सरकार तुम्हारी, क्या बोलें ? ना रोक सको तो, क्या बोलें ? छोड़ो सिंहासन, क्या बोलें ? इस लोकतंत्र में, क्या बोलें ? जनता है मालिक , क्या बोलें ? सरकार तु...